कल करवा-चौथ का दिन था यानि की पतियों का दिन, वैसे तो सभी यह कहते हैं कि एक यही दिन ऎसा होता है जब पत्नी पति की पूजा करती है, आरती उतारती है।पति के लिये सारा दिन उपवास करती है।
मैने भी सुबह के साढे तीन बजे पति महोदय को उठाया और कहा उठिये जरा चाय पी लीजिये। पति देव परेशान होते हुए बोले क्या परेशानी है सोने भी नही देती। मैने झुंझलाते हुए कहा," आपको याद नही आज मेरा व्रत है, कम से कम उठ तो जाईये। पतिदेव को गुस्सा आ गया बोले रात भर सोने नही दिया कभी मेहंदी रची की नही देखो..., मेहन्दी सुख गई नींबू लगाओ... और न जाने कितने काम मुझसे करवाती रही। अब सुबह भी सोने नही दे रही हो। मुझे भी गुस्सा आ गया मैने कहा," अरे कैसे पति हो आप? एक तो आपकी लम्बी उम्र के लिये व्रत रख रही हूँ और आप हैं कि मजे से सो रहे हैं। मेरा अहसान मानना तो दूर आप मुझे ही ताना दे रहे हैं। अरे सोचिये तो जरा हम महिलायें ही तो आपकी सलामती के लिये पूरा दिन भूखी- प्यासी रहती हैं भगवान से रिक्वेस्ट कर आपकी उम्र बढ़ाती हैं फ़िर भी आप हमे ही कुसूरवार ठहराते है। सोचो हम औरतें न होती तो आप लोगों का क्या होता?
आखिर पतिदेव को हार माननी पड़ी । और यह लड़ाई एक नई साड़ी देकर टालनी पड़ी।
व्रत कर-कर के जान बचाने की
करती समझदारी
कहां मिलेगी तुम्हे बोलो
ये हिंदुस्तानी नारी?
जय हो!
ReplyDeleteधन्य है भारत भूमी :)
बात तो पते की है मगर "यत्र नार्यस्तु पूज्यंते..." वाले देश में नारियाँ नर की पूजा करें यह बात तो संस्कृति-विरोधी लगती है।
ReplyDeleteसाथ निभाने को संग खाई है जो क़सम
ReplyDeleteरखो तुम व्रत आज, उपवास रखेंगे हम।बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
राजभाषा हिंदी पर ये अंधेरों में लिखे हैं गीत
आँच-41पर डॉ. जे.पी. तिवारी की कवितातन सावित्री मन नचिकेता
.
ReplyDeleteहमारे पूर्वजों ने जितने भी पर्व और त्यौहार बनाए हैं, सभी का कुछ न कुछ वैज्ञानिक एवं सामाजिक महत्त्व है।
.
वाह पहली बार पढ़ा आपको बहुत अच्छा लगा.
ReplyDeleteआप बहुत अच्छा लिखती हैं और गहरा भी.
बधाई.
:) :) बढ़िया पोस्ट
ReplyDeletebahut achchha lekh laga thanks with regards
ReplyDeleteवाह ! बहुत खूब बहुत ही अच्छा लगा आपको पढ़ कर !
ReplyDeleteबहुत शुभकामनाएं !
चोखी पोस्ट-बड़ो कठिन बरत है करवा चौथ को।
ReplyDeleteएक दिन ब्लॉग पै चौथ माता की कहाणी भी लिख दो।
पण फ़ोटो मैं खांड को करवो कोनी दिख्यो?
राम राम
आपने पतियों की निरीहता उजागर कर दी
ReplyDeleteआभार
--
:) जय पत्नी देवी.
ReplyDeletehasi aa gayi... bada accha laga ye tareeka...aur ye vart kaa style.. pati ne bhi dee ho gee duhai aik sari ke saath.... bahut sundar post.. vaah..
ReplyDelete